Details, Fiction and sidh kunjika



देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

श्रृणु देवि ! प्रवक्ष्यामि, कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं check here दुं ऐं वीं हं क्षं ।

नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि ।

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